बीगत कई दिनों से मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा। आई. ई. एस का प्रभाव मुजफ्फरपुर जिले में बच्चों का मौत का कारण बन रहा है । इसी क्रम में आज फिर कितने बच्चों ने दम तोड़ दिया। मौत, सरकारी आंकड़ों की माना जाए तो मौत तकरीबन 130 के पार पहुंच चुका है पर कुछ मीडिया रिपोर्ट कुछ और आंकड़े बता रहे हैं उनके अनुसार मृतको की संख्या तकरीबन 200 पार पहूँच चुका है। हालांकि मामला यह ताल्लुक नहीं रखता की मौत कितनी हुई है? मौत क्यों हुई है? और इसमें किसकी कमी है मायने रखता है?
अभी भी प्रशासन इसमें सुधार लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। डॉक्टरो के द्वारा कुछ सार्थक प्रयास जा रहे हैं तो मीडिया के लोग और नेता लोग मिलकर उनको काफी ज्यादा प्रभावित कर रहे हैं। आए दिन किसी न किसी राजनेता का दौरा हो ही जा रहा है।
आज भी विकासशील इंसान पार्टी के सुप्रीमो श्री मुकेश सहनी जी का आगमन हुआ था। उनके साथ पूर्व सांसद डॉ शरद यादव थे। हालांकि शरद यादव काफी बुजुर्ग नेता है और बुद्धिजीवी हैं। उनको यह पता होना चाहिए कि हॉस्पिटल का दौरा कर लेने मात्र से उसमें कुछ सुधार होने को है नहीं है। आखिर आप किसी संवैधानिक पद पर हैं नहीं। वहां जाकर वहां के हालात देखकर भी आप कुछ नहीं कर पाएंगे सिर्फ शोरगुल करेंगे और डॉक्टरों को प्रभावित करेंगे। फिर भी इससे एक और संदेश आता है लोगों को पता चलता है कि हमारे नेता हमारे बारे में सजग है। इस सजगता को दिखाने का यह तरीका उचित नहीं है। मुकेश सहनी मौके पर पहुंचकर बिहार सरकार से इस्तीफे की मांग की है तथा बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के istifa का मांग की है। उन्होंने काफी सारे लांछन लगाया।
पर सुधार के कदमों, सुधार के प्रयासों की चर्चा नहीं किया। उन्होंने इस बात को साबित करता है कि हमारे राजनेताओं में कहीं न कहीं बहुत सारी खामियां हैं। चाहे आप यहां मुजफ्फरपुर के स्थानीय सांसद अजय निषाद बात सुन ले या फिर वैशाली सांसद वीणा देवी की बात सुन ले।