राजस्थान सरकार ने कोरोना संकट से उत्पन्न स्थिति को लेकर मजदुरों व मध्यम आय वर्गों के लिए नहीं उठाया कोई ठोस कदम

कोरोना नेे देश -दुनिया की कमर तोड़ हुए सभी देशों को प्रभावित किया हैं।सभी देश अपने यहा के नागरिकों को बचाने के लिए हर तरह का कदम उठाने में लगी हुई हैं कि कैसे हमारे नागरिकों को बचाये जा सके।इस तरह का कुछ खास कदम हमारे देश की केंद्र सरकार और राज्या सरकारें भी उठा रहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घातक वायरस कोरोना कोविड-19 से बचाने के लिए 22 मार्च और 24 मार्च की रात को देश के नाम संबोधन में इस महामारी से बचने के लिए इलेक्ट्रानिक चैनलों के माध्य से देश को 31 मार्च तक पुरी तरह लांकडाउन करने का निर्णय लेते हुए देश की जनता से ये अपिल किया की अपने और अपने पुरे परिवार को सुरक्षि रखने के लिए अपने घरों में कैद रहने के साथ एक -दुसरे से दुरी बना कर रहने की सलाह दिया ताकि मह इस वैश्विक महामारी से बच सके।इसी के साथ प्रधानमंत्री ने जनता का भी पूरी तरह से ध्यान रखते हुए कहा कि देश में लांकडाउन के चलते आवश्यक चीजों की किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होने दिया जाएगा। आवश्यक चीजों की दुकानों जैसे किारना स्टोर, सब्जी मंडी, मेडिकल स्टोर, डेली आदी की सभी दुकाने खुली रहेगी।किसी को कोई परेशानी नहीं होगी।सिर्फ एक -दुसरे से दुर रह कर कोरोना के तेजी से फैलाव को रोकना हैं।साईकिल के चक्र को तोड़ना हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कोरोना की रोक थाम के लिए लिया गाय लांकडाउन में उठाये गये कदमों पर डालते हैं एक नजर:

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने वैश्विक महामारी घोषित हो चुका कोरोना कोविड- 19 को से लड़ने और अपने प्रदेश में इसे फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाते हुए सम्पुर्ण जिलों में 22 मार्च से लांकडाउन करने का फैसला ले लिया। राजस्थान देश का पहला राज्य हैं जो कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लांकडाउन किया।सरकार ने लाकडाउन की घोषण करते हुए कहा कि लॉकडाउन से आवश्यक सेवाओं को पूरी तरह से बाहर रखा गया इसी दौरान सरकारी और निजी सभी कार्यालय, शॉपिंग मॉल, दुकानें, कारखानें सभी बंद रहेंगी. सार्वजनिक परिवहन की सेवाएं भी पूरी तरह से बंद रहेंगी की घोषणा किया हैं। कोरोना वायरस के संकट के मद्देनजर राजस्थान सरकार ने पूरे राज्य को 31 मार्च तक पूरी तरह से लॉकडाउन करने के निर्देश दिए हैं.

राजस्थान सरकार द्वारा कोरोना को लेकर घोषित योजना पर डालते हैं एक नजर:

सरकार ने कोरोना को लेकर किया गया लांकडाउन से जनता परेशान न हों इसके लिए घोषणा करते हुए कहा हैं कि सर्वजनिक वितरण प्रणाली की एनएफसए के तहत जिलन परिवारों को सस्ता राशन मिले रहा हैं, उन्हें मई महीने तक निशुल्क गेंहू मुहैया कराया जाएगा।

शहरी इलाकों में दिहाड़ी मजदूर, श्रमिक,स्ट्रीट वें वेंडर्स और गरीब लोगों को एक अप्रैल से अगले दो महीनों तक खाद्य सामग्री के पैकेट मुहैया कराए जाएंगे.

लॉकडाउन के दौरान बंद रहने वाली फैक्ट्रियों से किसी भी मजदूर को नहीं निकालने और उन्हें इस अवधि तक सवैतनिक अवकाश देने की अपील कि हैं।

सरकार ने एक करोड़ बीपीएल परिवारों को पांच किलो राशन फ्री देने का निर्णय किया है। इसके साथ ही 78 लाख पेंशधारियों का भी दो माह का पैसा जारी करने के आदेश दिए हैं।

गरीब और दिहाड़ी मजदुरों के साथ सरकार ने किया ना इंसाफी:

बता दें कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. देशभर में अब तक यह आंकड़ा 629 के करीब पहुंच चुका है।और राजस्थान की गहलोत सरकार ने जो भी घोषणाएं किया हैं उसका लाभ दिहाड़ी मजदूरों और मध्यम आय वाले लोगों को मिलता नहीं दिख रहा हैं क्योंकि ये लोग रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं इनके लिए कोई तत्काल ऐसी कोई योजना नहीं लागू किया गया हैं जिससे की इन लोगों को बिना परेशानी के जीवन की आवश्यक चीजें मिलती रहे । सरकार को लांकडाउन करने से पहले इन गरीब लोगों के हितों का पुरा ध्यान रखना चाहिए था की ये गरीब दिहाड़ी मजदुरों बिना किसी परेशीनी के अपना और अपने परिवार का इस संकट की घड़ी में जिंदगी को बचा सके। आज हालात ऐसे दिखाई दे रही हैं कि लांकडाउन से आम जनता से लेकर गरीब ,मजदुर सभी बुरी तरह से परेशान दिखाई दे रहे हैं। कोई उनकी सुनने वाला नहीं , कोई उनकी मदद करने वाला नही है, जिला मजिस्टेट से लेकर जिला कलेक्टर सभी के हेल्फ लाईन नम्बर जारी किये गये है लेकिन कोई भी आवश्यकता पड़ने पर फोन या मोबाइल उठाकर बात करने और बुरे हालात में मदद करने को तैयार नहीं हैं।लांकडाउन करने से पहले सरकार को उन लोगों के बारे में निश्चित तौर पर गंभीरता से सोना चाहिए था कि लांकडाउन का प्रभाव उन गरीब और बेसहारा लोगों पर नहीं पडे़ इस बाद का पुरा ध्यान करना चाहिए था।सरकार को कई भी निर्णय जमीनी हकीकत को ध्यान में रखकर लेना चाहिए।सरकार ने ऐसा कोई सेन्टर नही बनाया हैं जहा जाकर कोई भी व्यक्ति ये शिकायत कर सके की ये प्रमुख व्यक्ति ने मेरी मदद नहीं किया हैं जिससे की उसके विरुद्ध कोई शिकायत कर सके।गरीब मजदूर लोगों को कोई सहारा देने वाला दिखाई नहीं दे रहा हैं।लोकतंत्र का मतलब रह व्यक्ति की जिम्मेदरी तय होना चाहिए।यदि कोई व्यक्ति प्रसाशन में बैठा हैं वह ठीक से काम नहीं करता हैं तो उसके विरुद्ध अनुशासत्मक कार्रवाई किया जाना चाहिए।

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