भारत और चीन के बीच लद्दाख बॉर्डर पर हालात अभी पूरी तरह से सुधरे नहीं हैं. जुलाई की शुरुआत में सैनिकों को पीछे हटाने की जिस बात पर सहमति बनी थी, वो कुछ हदतक ही सफल हो पाई है. अभी भी पैंगोंग लेक और हॉट स्प्रिंग ऐसे इलाके हैं, जहां पर दोनों सेनाएं आमने-सामने हैं. ऐसे में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है.
मई के महीने से शुरू हुए तनाव को खत्म करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं ने बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिश की. जिसमें तय हुआ कि सभी विवादित स्थल से सेनाएं पीछे हटेंगी. 14 जुलाई को आखिरी बार बात हुई थी, लेकिन तब से अबतक सिर्फ कुछ मीटर ही सेनाएं पीछे हटी हैं.
यानी बातचीत के बाद शुरुआत में जो बदलाव हुआ था, अभी तक उतना ही बदलाव है. और दोनों ओर से बड़ी संख्या में सैनिक बॉर्डर पर जमे हुए हैं. इनमें पैंगोंग लेक, हॉट स्प्रिंग इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है. यहां चीनी सेना फिंगर 4 से फिंगर 5 तक पहुंच गई है, लेकिन अभी भी पहाड़ी की चोटियों पर अपने पैर जमाए हुए है.
दूसरी ओर झील के किनारों पर भारतीय सेना फिंगर 2 और फिंगर तीन पर मौजूदगी बनाई हुई है. सूत्रों की मानें, तो फिंगर 8 से फिंगर 4 के बीच चीन ने जो इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया है वो अभी हटाने के मूड में नहीं है. झील के पास भले ही दोनों सेनाओं की बीच की दूरी 4-5 किमी. हो, लेकिन पहाड़ी इलाके में ये सिर्फ एक किमी. की बात है.
ऐसे में साफ दिख रहा है कि पिछले एक हफ्ते से स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. काफी लंबे वक्त पहले चीनी सेना फिंगर चार तक आ गई थी, जबकि भारत का दावा फिंगर 8 तक है. करीब 600-800 मीटर की दूरी पर अभी भी 40-50 जवान करीबी से नजर बनाए हुए हैं.
इससे पहले समझौते के आधार पर 15 जून को जहां झड़प हुई थी, उस इलाके से चीन 1.5 किमी. तक पीछे हट गया था. जिसके बाद दोनों देशों के बीच की सेनाओं की दूरी तीन किमी. तक हो गई थी. ऐसी स्थिति में भारतीय सेना लंबी तैयारी कर रही है और पूरी तरह से मुस्तैद है.