बिहार के पारंपरिक व्यंजनों में लिट्टी चोखा का अपना विशेष महत्व है्ं.ये लिट्टी चोखा बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी बनाये और खाये जाने लगा हैं।यह काफी स्वादिष्ट और पसंद किया जाने वाला व्यंजन हैं। लिट्टी चोखा अपने आप में एक पौष्टिक भोजन है, क्योंकि यह सत्तू से बनाई जाती है, जिसमें कैल्शियम, प्रोटीन जैसे खनिज भरपूर मात्रा में भरे होते हैं। यह शरीर को एक शांत प्रभाव भी प्रदान करता है। इसमें मौजूद घी से ओमेगा 3 और विटामिन डी के साथ-साथ गुड फैट मिलता है, इसलिए यह पूरे भोजन के पाचन में मदद करता है।
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अगर लिट्टी को चना घुघुनी जैसे काले चने के साथ मिला कर बनाया जाये, तो यह अधिक पौष्टिक और आयरन से भरपूर भोजन बनता है। सत्तू और चना घुघुनी आयरन से भरपूर हैं
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लिट्टी चोखा को चूल्हे या उपलों पर बनाया जाता है, इसका अपना एक अलग ही स्वाद है। वैसे गाय के गोबर का उपयोग जैविक ईंधन के रूप में करने से इस भोजन के पोषक तत्व बरकरार रहते हैं और भोजन बनाने के पारंपरिक तरीके के विपरीत आसानी से पच जाते हैं। लिट्टी चोखा को बनाना भी मुश्किल नहीं हैं, लिट्टी को सत्तू की फिलिंग के साथ तैयार किया जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए कई फायदों से भरपूर है।