कोरोना वायरस से निपटने में भारतीय डाँक्टरों पर निर्भर ब्रिटेन,वीजा अवधी बढ़ाई

 ब्रिटेन में कोरोना के मामले बढ़कर 25000 से भी ज्यादा हो गए हैं और मरने वालों का आंकड़ा 1789 पहुंच गया है. मंगलवार को सिर्फ एक दिन में ब्रिटेन में इस संक्रमण पीड़ित 381 लोगों की जान चली गई. कोरोना के नए केस बढ़ते देख ब्रिटेन की सरकार ने भारतीय और अन्य विदेशी डाक्टरों वीजा अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी है. ब्रिटेन में वर्क वीजा पर काम कर रहे हर डॉक्टर की वीजा अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है.

बता दें कि ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वस्थ्य सेवा में बड़ी संख्या में भारतीय और अन्य देशों से आए डॉक्टर काम कर रहे हैं. ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने मंगलवार को कहा कि करीब 2,800 प्रवासी चिकित्सकों, नर्सों और पैरामेडिकल कर्मचारियों के वीजा की अवधि एक साल के लिए बढ़ेगी. इन लोगों के वीजा की अवधि एक अक्टूबर से पहले खत्म होने वाली है.

प्रीति ने कहा, ‘दुनिया भर से आए चिकित्साकर्मी कोरोना वायरस से निपटने और जिंदगियां बचाने के एनएचएस के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैंमैं नहीं चाहती कि वीजा प्रक्रिया के कारण उनका ध्यान भटके. इसलिए मैंने उनके वीजा की मियाद स्वतः बढ़ा दी है.’ वीजा अवधि में यह इजाफा निशुल्क होने के साथ ही उनके परिवार के सदस्यों के वीजा पर भी लागू होगा. गृह मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला दिखाता है कि एनएचएस का प्रवासी स्टाफ ब्रिटेन के लिए कितना महत्वपूर्ण है.

भारतीय मूल के बुजुर्ग ब्रिटिश सांसद वीरेंद्र शर्मा कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होकर अस्पताल से लौट आए हैं और उन्होंने मंगलवार को सभी से अनुरोध किया कि इस महामारी को फैलने से रोकने के लिये सरकार द्वारा जारी सामाजिक मेलजोल से दूरी के परामर्श का सख्ती से पालन करें. पश्चिमी लंदन के ईलिंग साउथॉल से विपक्षी लेबर पार्टी के 72 वर्षीय सांसद ने ट्विटर पर खुलासा किया कि इस महीने के शुरू में हलके लक्षण नजर आने के बाद वह खुद पृथक होकर रह रहे थे. लेकिन उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी जो कोविड-19 का प्रमुख लक्षण है. इसके बाद उन्हें एक हफ्ते के लिये स्थानीय हिलिंगडन अस्पताल में भर्ती कराया था.

शर्मा ने कहा, ‘कोरोना वायरस से मामूली लक्षणों के बाद मेरी हालत बिगड़ गई और मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. मुझे अब अस्पताल से छुट्टी मिल गई है और मैं घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहा हूं. अब मैं वापस घर आ गया हूं और सेल्फ आइसोलेशन में रह रहा हूं. मैं राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा और सरकार की सलाह का पालन कर रहा हूं. मैं बाकी सबसे भी ऐसा ही करने का अनुरोध करता हूं. घर पर रहिए, जिंदगी बचाइए. शर्मा ने ‘असाधारण देखभाल’ के लिये स्थानीय अस्पताल का शुक्रिया अदा किया और उन सभी स्वास्थ्य कर्मियों का भी शुक्रिया अदा किया जो बेहद तनाव के बावजूद कठिन परिश्रम कर रहे हैं.

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